![]() |
Advocate Ajay Pratap Singh at Shahi Masjid Idgah, Mathura |
मथुराः मथुरा की विवादित शाही मस्जिद ईदगाह उत्तर प्रदेश सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड की संपत्ति नहीं है। शाही मस्जिद ईदगाह का आज तक वक्फ एक्ट, 1995 की धारा-4 के अनुसार सर्वे नहीं हुआ है। जब तक किसी संपत्ति का वक्फ एक्ट, 1995 की धारा-4 के अनुसार सर्वे नहीं हो जाता है तब तक उसे वक्फ संपत्ति नहीं कहा जाता है। शाही मस्जिद ईदगाह व उत्तर प्रदेश सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड के पदाधिकारी लगातार इस सत्य को छुपा कर शाही मस्जिद ईदगाह को वक्फ बोर्ड की संपत्ति बताते है।
क्या होता है वक्फ?
वक्फ एक स्थायी दान को दर्शाता है जिसका उपयोग केवल धार्मिक, धार्मिक या धर्मार्थ के रूप में इस्लामी कानून के तहत मान्यता प्राप्त उद्देश्यों के लिए किया जाता है।
क्या होता है वकीफ ?
वह व्यक्ति जो उस संपत्ति को दान करता है समर्पित करता है उसे वकीफ कहते है।
वक्फ एक्ट,1995 की धारा-4 के अनुसार वक्फ संपत्ति का सर्वे
वक्फ एक्ट 1995 की धारा-4 यह उपबंध करती है कि वकीफ द्वारा जो संपत्ति का स्थायी दान या सर्मपण किया जायेगा उसका सर्वे राज्य सरकार द्वारा नियुक्त सर्वे कमिश्नर द्वारा किया जायेगा।
वक्फ एक्ट 1995 की धारा-4 की उपधारा-1 के अनुसार राज्य सरकार सर्वे के लिए ऑफिशियल गजट प्रकाशित करेगी व सर्वे के लिए सर्वे कमिश्नर व अतिरिक्त या सहायक सर्वे कमिश्नर नियुक्त करेगी जोकि सर्वे कमिश्नर की निगरानी में कार्य करेंगे। बर्ष 2013 के संशोधन के बाद वक्फ हो अब औकाफ कहा जाता है।
सर्वे आयुक्त वक्फ, उत्तर प्रदेश के पदाधिकारी
![]() |
Officers of Survey Commissioner Waqf, U.P. |
सर्वे आयुक्त वक्फ, उत्तर प्रदेश संगठन के निम्नलिखित पदाधिकारी होते है-
1- प्रमुख सचिव/सचिव, अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ पदेन सर्वे कमिश्नर वक्फ, उत्तर प्रदेश होते है जो विभागाध्यक्ष है।
2- निदेशक, अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ पदेन अपर सर्वे कमिश्नर वक्फ, उत्तर प्रदेश होते है।
3- प्रदेश के समस्त जिला मजिस्ट्रेट/जिलाधिकारी, पदेन अपर सर्वेक्षण आयुक्त वक्फ होने के साथ-साथ जिला स्तर पर कार्यालयाध्यक्ष होते है।
4- प्रदेश के समस्त उपखण्ड मजिस्ट्रेट/उप जिलाधिकारी, पदेन सहायक वक्फ सर्वेक्षण आयुक्त होते है।
5- प्रदेश के समस्त जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी पदेन सहायक सर्वे कमिश्नर वक्फ होते है।
सर्वे करते समय सर्वे कमिश्नर की शक्तियाँ
सर्वे करते समय सर्वे कमिश्नर को एक सिविल न्यायालय की शक्तियाँ प्राप्त होती है जिनका वर्णन सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 के किया गया है। सर्वे कमिश्नर आवश्यकता पडने पर किसी की व्यक्ति/गवाह को समन भेज सकता है किसी भी आवश्यक दस्तावेज को किसी न्यायालय या कार्यालय से मंगा सकता है, कियी नये दस्तावेज की खोज और उसे पेश करने का आदेश दे सकता है, कमीशन निकालकर किसी भी गवाह या खाता का परीक्षण कर सकता है, स्थानीय निरीक्षण और अन्वेषण कर सकता है।
वक्फ संपत्ति के सर्वे के उद्देश्य
किसी भी वक्फ संपत्ति के सर्वे का मुख्य उद्देश्य उस वक्फ संपत्ति की प्रकृति व उद्देश्य को पता लगाना होता है।
शाही मस्जिद ईदगाह के नाम कोई राजस्व अभिलेख दर्ज नहीं है
![]() |
Reply of RTI - Page 1 |
![]() |
Reply of RTI- Page 2 |
भारत सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय की बेबसाइट पर शाही मस्जिद ईदगाह का रिपोर्ट कार्ड उपलब्ध है
![]() |
Report Card of Shahi Masjid Idgah - Page 1 |
![]() |
Report Card of Shahi Masjid Idagh-Page 2 |
अधिवक्ता भारत सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय की बेबसाइट https://wamsi.nic.in/ पर मथुरा की शाही मस्जिद ईदगाह का रिपोट कार्ड उपलब्ध है।
शाही मस्जिद ईदगाह के रिपोर्ट कार्ड में शाही मस्जिद ईदगाह की Waqf ID- UP510057[MASJID] व Property ID- MQ001[MASJID] है जिसमें वकीफ नाम कॉलम के आगे No लिखा है, गजट नोटीफिकेशन विवरण के आगे नहीं लिखा गया है, वक्फ रजिस्टेªशन की दिनाँक का कॉलम खाली है, वक्फ निर्माण दिनाँक का कॉलम खाली है, वक्फ रजिस्ट्रेशन के समय दिये गये कागजात/प्रमाण-पत्र का कॉलम खाली है, निरीक्षण करने के कॉलम में नहीं लिखा गया है और सर्वे कमिश्नर रिपोर्ट के कॉलम में सर्वे विवरण नहीं भरे गये या सर्वे नहीं हुआ है लिखा गया है।
अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने RTI के माध्यम से जानकारी चाही परन्तु संतोषजनक उत्तर नहीं मिला
![]() |
RTI Application before Minority Welfare Department, U.P. |
![]() |
Reply of RTI from Minority Welfare Department, U.P. |
अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने RTI के माध्यम से जानकारी चाही परन्तु संतोषजनक उत्तर नहीं मिला, जिनका विवरण निम्नलिखित है-
1- RTI number- DPTMW/R/2023/80004 दिनाँक- 23/02/2023 को अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार के समक्ष दायर की थी जिसमें निम्नलिखित जानकारी माँगी गयी थी-
“मस्जिद डीग गेट कटरा मथुरा जिसकी वक्फ आई०डी०- UP510057 व प्रॉपर्टी आई०डी०- MQ001 व Auqaf Register Sr. No.- 510057 व Census 2011 Area Code- 0914500764800800 के संबध में निम्नलिखित जानकारी देने का कष्ट करें-
1. उपरोक्त मस्जिद द्वारा वक्फ में पंजीकरण हेतु वक्फ बोर्ड/संबधित कार्यालय में पंजीकरण के समय क्या-क्या कागजात दाखित किये गये, सम्पूर्ण विवरण उपलब्ध करवाने का कष्ट करें ?”
दिनाँक- 01-03-2023 अजय प्रताप सिंह को उपरोक्त RTI का निम्नलिखित जबाब मिला-
“ प्रकरण शासन से संबधित नहीं है। कृपया अपेक्षित सूचना अपने स्तर से जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, मथुरा एवं सर्वे आयुक्त वक्फ, उ०प्र० से पत्राचार कर प्राप्त करने का कष्ट करें।”
यह तथ्य विचारणीय है कि उपरोक्त RTI अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, उ०प्र० के समक्ष दायर की गयी थी और प्रमुख सचिव/ सचिव, अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ पदेन सर्वे आयुक्त वक्फ, उ०प्र० होता है।
![]() |
Letter to Survey Commissioner Waqf, U.P.- Page 1 |
![]() |
Letter to Survey Commissioner Waqf, U.P.- Page-2 |
![]() |
Letter to Additional Survey Commissioner Waqf, U.P.- Page 1 |
![]() |
Letter to Additional Survey Commissioner Waqf, U.P.- Page 2 |
![]() |
Letter to Additional Surveying Commissioner Waqf, Mathura- Page 1 |
![]() |
Letter to Additional Surveying Commissioner Waqf, Mathura- Page 2 |
![]() |
Letter to Assistant Waqf Surveying Commissioner, Tehsil- Sadar, Mathura- Page 1 |
![]() |
Letter to Assistant Waqf Surveying Commissioner, Tehsil- Sadar, Mathura- Page 2 |
![]() |
Letter to Assistant Survey Commissioner Waqf, Mathura- Page 1 |
![]() |
Letter to Assistant Survey Commissioner Waqf, Mathura- Page 2 |
उपरोक्त RTI से प्राप्त जबाब के अनुसार दिनाँक-06-05-2023 को सर्वे आयुक्त वक्फ, उ०प्र० ( प्रमुख सचिव/सचिव, अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ विभाग, उ०प्र० ), निदेशक- अल्पसंख्यक कल्याण, उ०प्र०( पदेन अपर सर्वे कमिश्नर वक्फ), जिलाधिकारी मथुरा( पदेन अपर सर्वेक्षण आयुक्त वक्फ), उपजिलाधिकारी सदर-मथुरा ( पदेन सहायक वक्फ सर्वेक्षण आयुक्त), जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी मथुरा ( पदेन सहायक वक्फ सर्वेक्षण आयुक्त) को रजिस्टर्ड डाक द्वारा पत्र भेजे थे। इन पत्रों में शाही मस्जिद ईदगाह ने वक्फ रजिस्टेªशन के समय भूमि स्वामित्व संबधी व अंतरण जानकारी उपलब्ध करवाने का निवेदन किया गया, लेकिन वर्तमान समय तक किसी भी वक्फ पदाधिकारी का जबाब नहीं प्राप्त हुआ।
![]() |
RTI to Minority Welfare Department, U.P. |
2- RTI number- DPTMW/R/2023/80029 दिनाँक- 22/08/2023
को अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के समक्ष के दायर कर निम्नलिखित जानकारी माँगी गयी थी-
“शाही मस्जिद ईदगाह, डीग गेट, जनपद- मथुरा जिसकी वक्फ आई डी- UP510057, प्रॉपर्टी आई डी- MQ001 व Auqaf Registar Sr. No.& 510057 है के संबंध में निम्नलिखित जानकारी देने का कष्ट करें- (1) उत्तर प्रदेश सरकार ने उपरोक्त वक्फ संपत्ति प्रारंभिक सर्वे(Preliminary Survey) हेतु नोटिफिकेशन ऑफिसियल गजट में कब प्रकाशित किया? अभिलेखों में उपलब्ध सम्पूर्ण विवरण उपलब्ध करवाने का कष्ट करें? (2) उत्तर प्रदेश सरकार ने उपरोक्त वक्फ संपत्ति के सर्वे हेतु कौन-कौन सर्वे कमिश्नर, एडिशनल अथवा असिस्टेंट सर्वे कमिश्नर नियुक्त किये सभी के नाम स्पष्ट करने का कष्ट करें? (3) उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रकाशित नोटिफिकेशन में उपरोक्त वक्फ संपत्ति का सर्वे कब प्रारंभ हुआ एवं कब समाप्त हुआ? सम्पूर्ण विवरण उपलब्ध करवाने का कष्ट करें?”
![]() |
Reply of RTI from PIO |
![]() |
Reply of RTI after First Appeal |
उपरोक्त RTI की सूचना, जनसूचना अधिकारी ने धारा-4, सूचना का अधिकार अधिनियम का हवाला देकर सूचना देने से मना कर दिया, जिसके विरूद्ध अपील संख्या- DPTMW/A/2023/60024 दायर की गयी, जिसका जबाब 30-10-2023 को मिला। जिसका निम्नलिखित जबाब है-
बिन्दु संख्या 1 के संबध में- (1) उत्तर प्रदेश सरकार ने उपरोक्त वक्फ संपत्ति प्रारंभिक सर्वे(Preliminary Survey) हेतु नोटिफिकेशन ऑफिसियल गजट में कब प्रकाशित किया? अभिलेखों में उपलब्ध सम्पूर्ण विवरण उपलब्ध करवाने का कष्ट करें?
जबाब- मुख्य सचिव, उ०प्र० शासन ने प्रदेश की वक्फ सम्पत्तियों के सर्वे हेतु पत्र संख्या-111/M.W.22(1)-76 दिनांक- 07-07-1976 निर्गत किया गया था। उपरोक्त वक्फ सम्पत्ति के सर्वे के संबंध में पृथक से कोई आदेश जारी नहीं किया गया है।
बिन्दु संख्या 2 के संबध में- (2) उत्तर प्रदेश सरकार ने उपरोक्त वक्फ संपत्ति के सर्वे हेतु कौन-कौन सर्वे कमिश्नर, एडिशनल अथवा असिस्टेंट सर्वे कमिश्नर नियुक्त किये सभी के नाम स्पष्ट करने का कष्ट करें?
जबाब- उपरोक्तानुसार।
बिन्दु संख्या 3 के संबध में- (3) उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रकाशित नोटिफिकेशन में उपरोक्त वक्फ संपत्ति का सर्वे कब प्रारंभ हुआ एवं कब समाप्त हुआ? सम्पूर्ण विवरण उपलब्ध करवाने का कष्ट करें?
जबाब- उपरोक्तानुसार।
कार्यालय सर्वे कमिश्नर वक्फ, उत्तर प्रदेश के जबाब से शाही मस्जिद ईदगाह की कानून की नजर में स्थिति
RTI Appeal number-DPTMW/A/2023/60024 के जबाब से निम्नलिखित बातें स्पष्ट होती है-
1-वक्फ एक्ट 1995 की धारा-4 के अनुसार शाही मस्जिद ईदगाह, मथुरा के लिए कोई गजट नोटिफिकेशन नहीं निकाला गया है, शाही मस्जिद ईदगाह के रिपोर्ट कार्ड में भी गजट नोटिफिकेशन के कॉलम में नहीं लिखा गया है।
2- शाही मस्जिद ईदगाह के रिपोर्ट कार्ड में वक्फ रजिस्ट्रेशन के समय दिये गये कागजात/प्रमाण-पत्र का कॉलम खाली है औरRTI number- DMOMT/A/2023/60018 के जबाब उपजिलाधिकारी सदर-मथुरा ने कहा है कि मथुरा के राजस्व अभिलेखों में शाही मस्जिद ईदगाह के नाम कोई राजस्व अभिलेख दर्ज नहीं है।
3- उपरोक्त RTI Appeal number-DPTMW/A/2023/60024 के बिंदु संख्या 1,2 व 3 के जबाब के अनुसार से यह स्पष्ट है कि आज तक शाही मस्जिद ईदगाह के संबध में कोई गजट नोटिफिकेशन नहीं निकाला गया है जिस कारण शाही मस्जिद ईदगाह, मथुरा के सर्वे हेतु कोई सर्वे कमिश्नर आज तक नहीं नियुक्त किया गया है जब सर्वे के लिए राज्य सरकार ने कोई गजट नोटिफिकेशन नहीं निकाला है न ही सर्वे कमिश्नर नियुक्त किये है जिसे सर्वे नहीं हुआ है जिससे सर्वे का समयकाल ही नहीं उपलब्ध है।
4- शाही मस्जिद ईदगाह का रिपोर्ट कार्ड, RTI number- DMOMT/A/2023/60018, RTI Appeal number-DPTMW/A/2023/60024 तीनों अभिलेखों का एक साथ विश्लेषण करने से यह स्पष्ट होता है कि शाही मस्जिद ईदगाह के पास भूमि-स्वामित्व संबधी कोई अभिलेख उपलब्ध नहीं है जिससे उसका वकीफ स्पष्ट नहीं है व वक्फ कब बनायी गयी इसका कोई रिकार्ड उपलब्ध नहीं है, उसका वक्फ में रजिस्ट्रेशन कब हुआ यह स्पष्ट नहीं है, जिसकारण आज तक न तो उसका गजट नोटीफिकेशन निकाला गया है, न तो सर्वे हेतु कोई कमिश्नर नियुक्त किया गया, न ही उसका निरीक्षण किया गया और आज तक सर्वे नहीं हुआ है।
माननीय सर्वोच्च न्यायालय के वक्फ एक्ट 1995 की धारा-4 के संबध में निर्णय
माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने वक्फ एक्ट 1995 की धारा-4 के संबध में निर्णय में अनेक निर्णय दिये है जिसमें कहा गया है कि धारा-4 की कार्यवाही पूरी हुए बिना किसी संपत्ति को वक्फ की संपत्ति नहीं कहा जा सकता है-
1- माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने Madanuri Sri Rama Chandra Murthy Vs. Syed Jalal , में माना है कि-
“16.
Thus, it is amply clear that the conducting of survey by the Survey
Commissioner and preparing a report and forwarding the same to the State or the
Wakf Board precedes the final act of notifying such list in the Official
Gazette by the State under the 1995 Act (it was by the Board under the 1954
Act). As mentioned supra, the list would be prepared by the Survey Commissioner
after making due enquiry and after valid survey as well as after due
application of mind. The enquiry contemplated under sub-section (3) of
Section 4 is not merely an informal enquiry but a formal enquiry to find out at
the grass root level, as to whether the property is a wakf property or not.
Thereafter the Wakf Board will once again examine the list sent to it with due
application of its mind and only thereafter the same will be sent to the
Government for notifying the same in the Gazette.”
2- माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने सिविल अपील संख्या- 7467-7470 OF 2014; May 18, 2023 SALEM MUSLIM BURIAL GROUND PROTECTION COMMITTEE versus STATE OF TAMIL NADU AND ORS. में माना है कि -
“A plain reading of the provisions of the above two Acts would reveal that the notification under Section 5 of both the Acts declaring the list of the wakfs shall only be published after completion of the process as laid down under Section 4 of the above Acts, which provides for two surveys, settlement of disputes arising thereto and the submission of the report to the State Government and to the Board. Therefore, conducting of the surveys before declaring a property a wakf property is a sine qua non. In the case at hand, there is no material or evidence on record that before issuing notification under Section 5 of the Wakf Act, 1954, any procedure or the survey was conducted as contemplated by Section 4 of the Act. In the absence of such a material, the mere issuance of the notification under Section 5 of the Act would not constitute a valid wakf in respect of the suit land. Therefore, the notification dated 29.04.1959 is not a conclusive proof of the fact that the suit land is a wakf property. It is for this reason probably that the appellant Committee had never pressed the said notification into service up till 1999.”
3- माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने Tamil Nadu Wakf Board Vs. Hathija Ammal (Dead) by Lrs. Etc.6 , में माना है कि-
“It
was observed that the Wakf Board should follow the procedure as required under
Section 4, 5, and 6 or Section 27 of the Wakf Act before notifying the Wakfs
under Section 5 of the Act.”
माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों से स्पष्ट है कि किसी भी संपत्ति को वक्फ की संपत्ति घोषित करने से पहले वक्फ एक्ट 1995 की धारा-4 की कार्यवाही पूरी करनी होगी अन्यथा वह संपत्ति को वक्फ संपत्ति नहीं माना जायेगा।
शाही मस्जिद ईदगाह व सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड अवैध कब्जाधारी है
उपरोक्त संपूर्ण विवरण से यह स्पष्ट होता है कि शाही मस्जिद ईदगाह के नाम कोई मथुरा राजस्व अभिलेखागार में कोई राजस्व अभिलेख नहीं है एवं आज तक सर्वे कमिश्नर वक्फ ने वक्फ एक्ट,1995 की धारा-4 के अनुसार सर्वे नहीं हुआ है जिससे शाही मस्जिद ईदगाह व सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड दोनों ही कानून की नजर में अवैध कब्जाधारी है।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा केस में लाभ
माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद, प्रयागराज में विचाराधीन श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा केस में हमारा केस संख्या- 07/2023,“श्री भगवान श्रीकृष्णलला विराजमान आदि बनाम उत्तर प्रदेश सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड आदि” है। जिसमें वादी प्रभु श्रीकृष्ण, योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ट्रस्ट, क्षत्रिय शक्तिपीठ विकास ट्रस्ट, अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह व श्री अनंजय कुमार सिंह है। इस केस मेें विपक्षी संख्या-1 सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड व विपक्षी संख्या- 2 प्रबंधन कमेटी शाही मस्जिद ईदगाह मथुरा है जिसमें दोनों विपक्षियों ने कहा है कि शाही मस्जिद ईदगाह एक वक्फ संपत्ति है जिस कारण केस संख्या- 07/2023, वक्फ एक्ट 1995 की धारा- 6, 85, 89, 108 से प्रतिबंधित है जिसमें सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड ने कहा है कि वक्फ एक्ट 1995 की धारा- 89 के तहत पहले सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड को नोटिस देना अनिवार्य है जिसके जबाब में हमने उपरोक्त सभी तथ्यों का उल्लेख करते हुए कहा है कि शाही मस्जिद ईदगाह, मथुरा, सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड की संपत्ति नहीं है जिसके कारण हम वादीगण वक्फ एक्ट 1995 की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बाध्य नहीं है। कानून की नजर में दोनों पक्ष शाही मस्जिद ईदगाह की भूमि व भवन जोकि श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर का मूल भवन है पर एक अवैध कब्जाधारी है।
0 Comments