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SHRI KRISHNA JANAMSTHAN MANDIR(SHAHI MASJID IDGAH) [Source: https://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/2/2c/Shri_Krishna_Janmabhoomi_birth_site_1949.jpg] |
मथुरा: मथुरा की विवादित शाही मस्जिद ईदगाह है श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर का मूल भवन। योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ के अध्यक्ष अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि वर्तमान विवादित शाही मस्जिद ईदगाह ही राजा वीर देव सिंह बुंदेला द्वारा बनाये गए श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर का मूल भवन है। अध्यक्ष अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि ओरछा के राजा वीरदेव सिंह बुंदेला ने वर्ष 1618 ई में बसंत पंचमी के दिन श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर का निर्माण शुरू किया था, राजा वीरदेव सिंह बुंदेला ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर को लाल पत्थर से बनवाया था। अध्यक्ष अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर को फ्रेंच यात्री जीन बैपटिस्ट टेवरनियर ने वर्ष 1659 ई में देखा था जिसका वर्णन उन्होंने अपनी पुस्तक ट्रैवल्स इन इंडिया में किया है। टेवरनियर ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर का वर्णन अपने यात्रा वृतांत में किया है। टेवरनियर ने बताया है कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर लाल पत्थर का बना था जोकि एक अष्टभुजीय चबूतरे पर खड़ा था, मंदिर के ऊपर तीन गुम्बद थे जिनमें बीच वाला बड़ा और बगल के दोनों गुम्बद अपेक्षाकृत छोटे थे। अध्यक्ष अजय प्रताप सिंह ने बताया कि वर्तमान में शाही मस्जिद ईदगाह और टेवरनियर के श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर के वर्णन में समानता है। टेवरनियर के अनुसार श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर लाल पत्थर का बना था और वर्तमान शाही मस्जिद ईदगाह भी लाल पत्थर की बनी है, श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर के ऊपर तीन गुम्बद थे और वर्तमान में शाही मस्जिद ईदगाह के ऊपर तीन गुम्बद है।
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SHRI KRISHNA JANAMBHOOMI [Source: https://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/0/0c/The_Idgah%2C_Mathura_1949.jpg] |
अध्यक्ष अजय प्रताप सिंह ने बताया कि वर्तमान शाही मस्जिद ईदगाह के ऊपर के तीनों गुम्बद के ऊपर कलश है, मंदिर के ऊपर कलश सनातन धर्म का एक आवश्यक अंग है और तीनों गुम्बदों के ऊपर कमल की आकृति है इस्लाम में मस्जिद पर आकृतियां नहीं बनाई जाती। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग(ASI) ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर के लिए Dismantle शब्द का प्रयोग किया है Destroy या Demolish नहीं, तीनो शब्दों में मूलभूत अंतर है। अध्यक्ष अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि शाही मस्जिद ईदगाह को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने सन 1920 ई में दिनाँक- 25-11-1920 को प्राइमरी नोटिफिकेशन- UP1465/1133 M; और दिनाँक- 27-12-2920 फाइनल नोटिफिकेशन- UP1669-M/1133; द्वारा संरक्षित किया गया था। अंग्रेज अधिकारी A.R. Burns ने वर्ष 1920 ई में Ancient Monuments Preservation Act ( VII of 1904) की धारा 3 की उपधारा 3 के अधीन निम्नलिखित नाम से संरक्षित किया गया था-
(सम्बंधित RTI के माध्यम से उप्लब्ध जानकारी)
अध्यक्ष अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि भारत सरकार की विधि शब्दावली में Dismantle का अर्थ to disassemble (खोल डालना) दिया गया है। अंग्रेजी शब्दावली में Dismantle शब्द का अर्थ का बाहरी आवरण हटाना होता है। उपलब्ध ऐतिहासिक श्रोतों का विश्लेषण करने से यह बात स्पष्ट होती है कि वर्तमान विवादित शाही मस्जिद ईदगाह ही श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर का मूल भवन है , औरंगजेब ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर पर अवैध कब्जा कर उसका उपयोग मस्जिद के रूप में शुरू किया जोकि वर्ष 1670 ई से वर्तमान समय तक जारी है। इन समस्त तथ्यों का उल्लेख योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ट्रस्ट के श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा के "केस संख्या-07/2023, श्री भगवान श्रीकृष्णलला विराजमान आदि बनाम उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड आदि" में किया गया है व संबंधित सबूत भी दाखिल किए गए है। शाही मस्जिद ईदगाह ही श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर का मूल भवन है शाही मस्जिद ईदगाह का कोई अस्तित्व नहीं है।
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