मथुरा की विवादित शाही मस्जिद ईदगाह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग(ASI) के अधीन है एक संरक्षित स्मारक।

 

Advocate Ajay Pratap Singh at Shahi Masjid Idgah, Mathura

मथुरा:-  माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद, प्रयागराज में विचाराधीन श्रीकृष्ण जन्मभूमि केस मथुरा के केस संख्या-07/2023 के मुख्य वादी योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ट्रस्ट के अध्यक्ष अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि मथुरा की विवादित शाही मस्जिद ईदगाह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधीन एक संरक्षित स्मारक है। अध्यक्ष अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि शाही मस्जिद ईदगाह को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने सन 1920 ई में दिनाँक- 25-11-1920 को प्राइमरी नोटिफिकेशन- UP1465/1133 M; और दिनाँक- 27-12-2920  फाइनल नोटिफिकेशन- UP1669-M/1133; द्वारा संरक्षित किया गया था। अंग्रेज अधिकारी A.R. Burns ने वर्ष 1920 ई में Ancient Monuments Preservation Act ( VII of 1904) की धारा 3 की उपधारा 3 के अधीन निम्नलिखित नाम से संरक्षित किया गया था-
"The portions of Katra Mound which are not in the position of Nazul tenants on which formerly stood a temple of Keshavadeva which was dismantled and site utilized for the mosque of Aurangzeb." 
अध्यक्ष अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि भारत सरकार की विधि शब्दावली में Dismantle का अर्थ to disassemble (खोल डालना) दिया गया है। अंग्रेजी शब्दावली में Dismantle शब्द का अर्थ का बाहरी आवरण हटाना होता है। 
Reply of RTI Filed by Ajay Pratap Singh

Notification of Public Works Department in 1920

Shahi Masjid Idagh, Mathura(Muttra)




अध्यक्ष अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया शाही मस्जिद ईदगाह ही राजा वीरदेव सिंह बुंदेला  द्वारा वर्ष 1618 ई में बनाया गया श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर का मूल भवन है। औरंगजेब ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर को तोड़ा नहीं था बल्कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर भवन के बाहरी आवरण को हटाकर इस्लामिक सिद्धान्तों के अनुसार ढालकर मंदिर के मूल भवन का उपयोग एक मस्जिद के रूप में करने लगा जोकि वर्ष 1670 ई से वर्तमान समय तक जारी है। अध्यक्ष अजय प्रताप सिंह ने बताया कि शाही मस्जिद ईदगाह के ऊपर के तीनों गुम्बद श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर मूल भवन के भाग है, तीनो गुम्बद पर कमल की आकृति बनी हुई है और ऊपर कलश है यह कमल की आकृति और कलश हिन्दू धर्म का अंग है न कि इस्लाम का। अध्यक्ष अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने शाही मस्जिद ईदगाह के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधीन संरक्षित होने के साक्ष्य कोर्ट में दाखिल किया है।

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