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E-Court Case details |
आगरा: योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ट्रस्ट के लघुवाद न्यायालय, आगरा में विचाराधीन प्रभु श्रीकृष्ण विग्रह केस संख्या-659/2023, श्री भगवान श्रीकृष्णलला विराजमान आदि बनाम उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड आदि" की केस की पोषणीयता पर सुनवाई होगी। अध्यक्ष अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि औरंगजेब के आदेश पर जामा मस्जिद आगरा की सीढ़ियों के नीचे प्रभु श्रीकृष्ण व माता रुक्मणी (रमा-बल्लभ) की प्राण प्रतिष्ठित मूर्तियाँ मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर से निकलवाकर वर्ष 1670 ई में दबवाई थी जिससे उन प्राण-प्रतिष्ठित को मस्जिद पर चढ़ते उतरते पैरों से कुचला जा सके। औरंगजेब ने केवल सनातन संस्कृति (आर्य संस्कृति) को अपमानित करने के उद्देश्य से ऐसा किया था। अध्यक्ष अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह का कहना है कि प्रभु श्रीकृष्ण और माता रुक्मणी की प्राण-प्रतिष्ठित मूर्तियां आज भी आगरा की जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दबी है और उन्हें प्रतिदिन पैरों से चढ़ते-उतरते कुचला जा रहा है यह सिलसिला वर्ष 1670 ई से आजतक जारी है। अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि उनके केस पर उपासना स्थल अधिनियम 1991 व वक्फ एक्ट 1995 लागू नहीं होता है और केस में प्रभु श्रीकृष्ण लला स्वयं वादी है जोकि एक अवयस्क है और अवयस्क के हितों की रक्षा करना माननीय न्यायालय का दायित्व होता है।
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