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SHRI KRISHNA JANAMBHOOMI [Source: https://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/0/0c/The_Idgah%2C_Mathura_1949.jpg] |
27 जनवरी वर्ष 1670 ई० को 15 वें रमजान के दिन मुगल शासक औरंगजेब ने मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर जिसे जिसे कटरा केशवदेव या केशवराय का मंदिर भी कहते है विध्वंस करने का आदेश जारी किया, जिसका उल्लेख औरंगजेब के दरबारी सकी मुस्ताद खान ने अपनी पुस्तक “मासिर-ए-आलमगीरी” में किया है जिसका अग्रेंजी में अनुवाद सर जादुनाथ सरकार ने किया है। “मासिर-ए-आलमगीरी” के 13 वें अध्याय में सकी मुस्ताद खान ने लिखा है कि औरंगजेब ने मथुरा के प्रसिद्ध केशव राय के देहरा को तोडने का आदेश जारी किया। देहरा को हिन्दी में मंदिर कहते है व उस समय मंदिर को देहरा नाम से पुकारा जाता था। श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर का निर्माण ओरछा के राजा वीरदेव सिंह बुंदेला ने 33 लाख रूपये में करवाया था। वीरदेव सिंह बुंदेला ने प्रभु श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर का निर्माण 5 माघ सुदी वर्ष 1618 ई० को बसंत पंचमी मे दिन शुरू करवाया था। टैवरनियर ने अपने यात्रा वृत्तान्त में इस मंदिर का विस्तृत वर्णन किया है।
श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर के भवन के ऊपर तीन गुबंद थे।
जीन बैपटिस्ट टैवरनियर ने अपने यात्रा विवरण में बताया कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर के भवन के ऊपर तीन गुंबद थे जिनमें बीच वाला बडा और अगल-बगल के दोनों गुंबद अपेक्षाकृत छोटे थे। वर्तमान में कथित शाही मस्जिद ईदगाह के भवन के ऊपर तीन गुंबद है जिसमें बीच वाला बडा व अगल-बगल के अपेक्षाकृत छोटे है।
मंदिर के ऊपर के गोल गुबंद एक हिन्दू वास्तु शिल्पकला
टैवरनियर ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर के ऊपर तीन गुंबदो का वर्णन किया है। मंदिर के ऊपर गोल गुबंद एक हिन्दू शिल्पकला है। महान राजा बराहमिहिर ने इस्लाम के जन्म से पहले बृहत-संहिता नाम ग्रन्थ लिखा है जिसके 56 वें अध्याय में मंदिर निर्माण का वर्णन किया गया है जिसमें मंदिर के ऊपर गुम्बद का वर्णन है जिसके मुख्य श्लोक निम्नलिखित है-
जलगवाक्षकयुक्तो विमानस´ज्ञस्त्रिसप्तकायामः।
नन्दन इति षड्भौमो द्वात्रिंशः षोडशाण्डयुतः।। 22।।
Meaning- Vimana is twenty-one cubits long with windows and air holes. Nandana has six stories, is thirty-two cubits long and has sixteen Andas(domes). (22)
गरूडाकृतिश्च गरूडो नन्दीति च षट्चतुष्कविस्तीर्णः।
कार्यस्तु सप्तभौमो विभूषितोऽण्डैस्तु विंशत्या।। 24।।
Meaning-
Garuda is of the shape of an eagle with wings and tail; Nandivardhana is 24
cubits broad with seven stories and twenty Andas(domes). (24)
सिहः सिंहाक्रान्तो द्वादशकोणोऽष्टहस्तविस्तीर्णः।
चत्वारोऽ´´नरूपाः प´चाण्डयुतस्तु चतुरस्रः।। 28।।
Meaning-
Simha is twelve-sided and 8 cubits broad containing the figure of the lion. The
four remaining structures are of black colour; of these four, Caturasra has 5
Andas(domes). (28)
वराहमिहिर के बृहदसंहिता के मंदिर निर्माण के सिंद्धातों में मंदिर के ऊपर गुंबदो का वर्णन किया गया है जो कि संख्या में मंदिर की शिल्पकला के अनुसार हो सकते है।
वर्तमान कथित शाही मस्जिद ईदगाह के ऊपर तीन गुबंदो की हिन्दू वास्तु शिल्पकला
वर्तमान में कथित शाही मस्जिद ईदगाह के ऊपर भी तीन गुंबद है जिसमें बीच वाला बडा व अगल-बगल के दोनों अपेक्षाकृत छोटे है। इन गुबंदो के ऊपर एक कलश है जोकि हिन्दू मंदिरो के शिखर(गुबंद) के ऊपर स्थित होते है। मंदिर के शिखर पर कलश की स्थापना मंदिर का एक आवश्यक अंग है यदि मंदिर के ऊपर कलश नहीं होगा तो मंदिर निर्माण को अधूरा माना जायेगा। कथित शाही मस्जिद ईदगाह के तीनों गुबंदो पर कमल की आकृति बनी है जबकि इस्लामिक भवनों में किसी भी प्रकार की आकृति नहीं बनायी जाती है आकृतियाँ मूर्ति पूजा की द्योतक होती है। यदि औरंगजेब ने कथित शाही मस्जिद ईदगाह का निर्माण करवाया होता तो इन गुंबदो पर किसी भी प्रकार की आकृति नहीं होती, औरंगजेब जैसा कट्टर इस्लामिक विचारधारा का शासक जिसने मात्र धर्म के आधार पर सनातन धर्म के मंदिरो को निशाना बनाया भला वह क्यों गुबंदो पर कमल की आकृति बनवाता ?,
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